दिल्ली में प्रदूषण के पांच प्रमुख कारण:


पहला कारण: दिल्ली के प्रदूषण में अहम योगदान बाहरी राज्यों से आने वाली करीब 45 लाख गाड़ियों (प्राइवेट कार और ऑल इंडिया टैक्सी, साथ ही बाहर की टैक्सियां ओला-ऊबर भी शामिल हैं) और दिल्ली में जरुरी सामान पहुंचाने वाले ट्रकों का है. चूंकि ज्यादातर गाड़ियां डीजल या पेट्रोल से चलती हैं

दूसरा कारण: दिल्ली के प्रदूषण में दूसरा योगदान दिल्ली में उद्योग और लैंडफिल साइट का है जिनके चलते करीब 23 फीसदी प्रदूषण होता है. इसमें अकेले भलस्वा, गाजीपुर और ओखला के लैंडफिल साइट से निकलने वाले धुंआ, उड़ता कचरा और कचरे से बिजली बनाने वाले कारखाने का योगदान करीब 10 फीसदी है।

तीसरा कारण: प्रदूषण का तीसरा कारण दिल्ली की हवा है. जिनके चलते करीब 19 फीसदी प्रदूषण होता है. इसमें दूसरे राज्यों का धूल धुंआ और प्रदूषण शामिल है।
चौथा कारण: चौथा कारण दिल्ली में चलने वाला कंस्ट्रक्शन, लोगों के जलाने वाले कूड़े, शवदाह, यानि विभिन्न स्रोतों का है. इनसे दिल्ली में करीब 12 फीसदी प्रदूषण होता है.
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पांचवा कारण: प्रदूषण का पांचवा कारण दिल्ली के रिहायशी इलाके हैं, जहां रसोई से निकलने वाले धुंए, DG सेट जैसी चीजों से करीब 6 फीसदी प्रदूषण होता है. 2010 में रिहायशी इलाकों से 18 फीसदी प्रदूषण होता है लेकिन कैरोसिन के इस्तेमाल पर पाबंदी और शतप्रतिशत LPG होने से इस प्रदूषण में कमी आयी है.